Male Reproductive System – प्रजनन अंग वे अंग होते हैं जिनके माध्यम से यौन क्रिया होती है, जिससे पुरुष पिता बनता है और महिला माँ बनती है..
इन्हीं अंगों में हार्मोन्स भी बनते हैं, जिनसे किशोरावस्था में अनेक शारीरिक और मानसिक परिवर्तन आते हैं.
पुरूषों के कुछ प्रजनन अंग शरीर के बाहर होते हैं और कुछ अन्दर जबकि महिला के प्रजनन अंग शरीर के अंदर ही होते है.

Male Reproductive System – 6 Important organs and their functions (पुरुष के प्रजनन प्रणाली – 7 महत्वपूर्ण अंग और उनके कार्य)
1- अण्डकोष: Testicles (दो)
पुरुष के शरीर में दो अंडकोष या टैस्टीज होती हैं जिनमें लाखों की संख्या में शुक्राणु ( Sperm) बनते हैं. अंडकोष में पुरुष के सेक्स हार्मोन (टेस्टोस्टीरोन व एंड्रोजन) भी बनते हैं जो पुरुष की प्रकृति और सहवास की क्षमता के लिए जिम्मेदार है .
यह त्वचा की ढीली थैली जैसी थैली होती है जो लिंग के पीछे और नीचे लटकती है. इसमें अंडकोष (जिसे वृषण भी कहा जाता है), साथ ही साथ कई नसें और रक्त वाहिकाएं होती हैं.
अंडकोश वृषण के लिए "जलवायु नियंत्रण प्रणाली" के रूप में कार्य करता है. सामान्य शुक्राणु विकास के लिए, वृषण शरीर के तापमान से थोड़ा ठंडा तापमान पर होना चाहिए. अंडकोश की दीवार में विशेष मांसपेशियां इसे सिकुड़ने और आराम करने की अनुमति देती हैं, अंडकोष को गर्मी के लिए शरीर के करीब ले जाती हैं या तापमान को ठंडा करने के लिए शरीर से दूर ले जाती हैं.
2- अंडकोष की थैली:Testicle Sac
पतली खाल की बनी थैली जिसमें दोनों अंडकोष रहते है. यह थैली अंडकोषों को सुरक्षा प्रदान करती है. शुक्राणु के बनने और जीवित रहने के लिए यह जरूरी तापमान (शरीर के तापमान से कम) को भी बनाए रखने में मदद करती है.
3- दो शुक्र नलिकाएँ : Sperm Ducts (वास डेफरेंस)
अंडकोषों में बने शुक्राणु को वीर्यग्रंथियों तक ले जाने के लिए दोनों अंडकोषों से एक एक पतली लम्बी नलिका निकलती है, जिसे शुक्र नलिका या sperm duct कहते है .
4- दो वीर्यग्रंथियाँ: Seminal Glands(सेमिनल वेसिकल)
ये दो छोटी थैलिया है जिन्हें शुक्रीय झोली Seminal glands or Seminal vesicles भी कहते हैं. इनमें वीर्य बनता है. वीर्य दूध जैसा एक गाढा खाव है. पीयं द्वारा शुक्राणु को पोषण मिलता है व उनके लिए तरल माध्यम है जिसमें वे तैरते हैं. वीर्य और उसमें मौजूद शुक्राणु पेशाब की नली द्वारा बाहर निकलते हैं.
5- प्रोस्टेट ग्रंथि: Prostrate Glands
इस अंग में वीर्य का कुछ भाग बनता है. इसमें कुछ engyme भी बनता है जो वीर्य में मिल जाता है. प्रोस्टेट ग्रंथि एक अखरोट के आकार की संरचना है जो मलाशय के सामने मूत्राशय के नीचे स्थित होती है. मूत्रमार्ग, जो संभोग के दौरान स्खलन को बाहर निकालता है, प्रोस्टेट ग्रंथि के केंद्र से होकर गुजरता है.
6- लिंग: Pennis
यह संभोग के लिए प्रमुख अंग है. संभोग के समय लिंग द्वारा महिला के शरीर में वीर्य व शुक्राणु पहुंचते है. लिंग स्पंज की तरह के टिश्यू का बना होता है व ढीली खाल से ढका होता है जिसे फोरस्किन (आगे की त्वचा) कहते है. लिंग में एक पतली सी नली होती है जो उसके आखिरी सिरे पर खुलती है . इसे यूरेथा (Urethra) या पेशाब की नली कहते हैं क्योंकि इसी नली से पेशाब बाहर निकलता है . इसी नली से संभोग के समय वीर्य बाहर निकलता है .
( पेशाब और वीर्य दोनो एक साथ बाहर नहीं निकलते)
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उत्तेजित लिंग
लिंग का शरीर आकार में बेलनाकार होता है और इसमें तीन गोलाकार आकार के कक्ष होते हैं. ये कक्ष विशेष, स्पंज जैसे ऊतक से बने होते हैं. इस ऊतक में हजारों बड़े रिक्त स्थान होते हैं जो रक्त से भर जाते हैं जब पुरुष यौन उत्तेजित होता है. जैसे ही लिंग रक्त से भर जाता है, यह कठोर और सीधा हो जाता है, जो संभोग के दौरान प्रवेश की अनुमति देता है. इरेक्शन के दौरान लिंग के आकार में बदलाव को समायोजित करने के लिए लिंग की त्वचा ढीली और लोचदार होती है.
यौन उत्तेजना होने पर लिंग में तेजी से रक्तसंचार होता है और लिंग सख्त हो जाता है, जिससे संभोग किया जा सके. इस अवस्था में यह उत्तेजित लिंग कहलाता है .
यौन उत्तेजना के बाद लिंग से वीर्य (Seman) निकलता है. इस प्रक्रिया को वीर्यपात कहते हैं .
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