Counting system: How did it evolve?हमारी गिनती की प्रणाली कैसे शुरू हुई? 2 Most used Powerful counting system-

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हमारी गिनती की प्रणाली कैसे शुरू हुई? How did our counting system get started?

 

आपको यह बहुत स्वाभाविक लगता है कि यदि आपके पास दो पैसे हैं और आप उनमें दो पैसे जोड़ते हैं, तो आपके पास चार पैसे हो जायेंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंसान को इस तरह सोचने में लाखों साल लग गए होंगे. वास्तव में, बच्चों को पढ़ाने के लिए सबसे कठिन चीजों में से एक है संख्या की अवधारणा है.

प्राचीन काल में, जब कोई व्यक्ति यह बताना चाहता था कि उसके पास कितने जानवर हैं, तो उसके पास संख्याओं की ऐसी कोई प्रणाली (Counting System) नहीं थी जिससे वह यह बता पाए. उसने प्रत्येक जानवर के लिए एक बैग में एक पत्थर या कंकड़ डाल दिया. जितने अधिक जानवर, उतने ही अधिक पत्थर उसके पास थे. इस तरह वो संख्या की गणना (Calculation) कर पाते थे. “कैलकुलेट” लैटिन शब्द कैलकुलस से क्यों आया है जिसका अर्थ है “पत्थर”!

बाद में, मनुष्य ने गिनने के लिए मिलान चिह्न का उपयोग किया. वह सिर्फ एक लाइन खिंच कर या प्रत्येक वस्तु के लिए एक मिलान चिह्न का उपयोग करता था जिसे वह गिनना चाहता था, लेकिन फिर भी उसके पास बताने के लिए कोई शब्द नहीं था.

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संख्या प्रणाली (Counting System) के विकास में अगला कदम शायद उंगलियों के उपयोग का था. शब्द “डिजिट” लैटिन शब्द डिजिटस से आया है, जिसका अर्थ है “उंगली”! और चूंकि हमारे पास १० उंगलियां हैं, इसने संख्याओं की प्रणालियों में “10” के सामान्य उपयोग को जन्म दिया.

Finger Counting System
Finger Counting System

लेकिन प्राचीन काल में पूरी दुनिया में एक भी संख्या प्रणाली का प्रयोग नहीं होता था. दुनिया में कुछ संख्या प्रणालियाँ (Counting Systems) 12 पर आधारित थीं, कुछ 60 पर कुछ 20 पर, और कुछ 2, 5 , और 8 पर. करीब लगभग २,००० वर्ष पूर्व रोम द्वारा विकसित संख्या प्रणाली को यूरोप के लोगों द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया जाता था. लेकिन यह संख्या प्रणाली काफी जटिल थी.

आज हम जिस संख्या प्रणाली (Counting System) का उपयोग करते हैं, उसका आविष्कार भारत में हिंदुओं ने हजारों साल पहले किया था और अरब व्यापारियों द्वारा लगभग 900 वर्ष में यूरोप लाया गया था. इस प्रणाली में सभी संख्याएँ नौ अंकों 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 और 0 के साथ लिखी जाती हैं. इस तरह से इसमें कुल 10 अंक होते हैं. यह एक दशमलव प्रणाली है. यानी इसे बेस 10 पर बनाया गया है. यूरोप में भारतीय अंक प्रणाली को हिन्दू अरब अंक प्रणाली भी कहते है क्यों की यह अरबो द्वारा यूरोप में लायी गयी थी. यह संसार की सर्वाधिक प्रचलित अंक प्रणाली हैं.

counting system
Counting System

भारतीय अंक प्रणाली में केवल दस संख्या चिन्हों से ही बड़ी से बड़ी संख्या लिखी जा सकती है और यह जगह भी कम लेती है जब के रोमन नंबर काफी जगह घेरती है था वह काफी मुस्किल है. भारतीय संख्या प्रणाली का विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ है लेकिन ब्राह्मी लिपि में शुन्य नहीं था केवल नौ अंक ही थे. यह अंक प्रणाली चौथी शताब्दी आस पास शुरू हुई थी.

Counting System - Brahmi Lipi
Counting System – Brahmi Lipi

रोमन अंक प्रणाली में केवल सात अंक हैं, जो अक्षरों द्वारा व्यक्त किए जाते हैं. ये अक्षरांक हैं- I (एक), V (पांच), X (दस), L (पचास), C (सौ), D (पांच सौ) तथा M (एक हजार). इन्हीं चिन्हों को आपस में लिखने से कोई भी संख्या लिखी जाती है. उदाहरण के लिए यदि आपको दो लिखना है तो I चिन्ह को दो बार लिखते है जैसे II और यदि सात लिखना है तो VII और अगर नौ लिखना है तो IX. यानी की उपरोक्त सात संख्या चिन्हों को किसी बड़ी संख्या चिन्ह के पहले लिखने पर उतनी संख्या उस बड़ी संख्या से घाट जाती है और बाद में लिखने से उतनी जुड़ जाती है.

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